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आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों ने शैक्षणिक भ्रमण हेतु विजिट किया एपीजे कलाम प्लेनेटोरियम बिलासपुर का

शैक्षणिक भ्रमण से छात्रों को मिलता है वास्तविक ज्ञान, अनुभव की अनुभूति-डॉक्टर संजय गुप्ता

शैक्षणिक भ्रमण शैक्षिक यात्राओं का प्राथमिक उद्देश्य कक्षा में सीखने को बढ़ाना है। वे छात्रों को कक्षा में सीखी गई चीज़ों को देखने, छूने और अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, किसी संग्रहालय या आर्ट गैलरी की यात्रा छात्रों को कला, इतिहास और संस्कृति की बेहतर समझ दे सकती है।शैक्षिक भ्रमण छात्रों को उनके परिचित वातावरण से बाहर नए अनुभवों, चुनौतियों और जिम्मेदारियों के संपर्क में आने के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करते हैं। वे समूह गतिविधियों, प्रस्तुतियों और विभिन्न लोगों के साथ बातचीत का हिस्सा हैं। यह छात्रों में सार्वजनिक बोलने और संचार कौशल विकसित करने में मदद करता है।शैक्षिक भ्रमण छात्रों के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये छात्रों के लिए किताबों की सीमाओं को पार करके सीखने का एक मौका है। छात्रों को किताबों में पढ़े गए सिद्धांतों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।

शैक्षिक भ्रमण शिक्षा को रोचक बनाने और छात्रों को सीखने में संलग्न करने का एक शानदार तरीका है। जब वे किताबें पढ़ने के बजाय वास्तविक जीवन में चीज़ें देखते हैं, तो वे चीज़ों को बेहतर ढंग से समझते हैं और उन्हें लंबे समय तक याद रखते हैं। व्यावहारिक शिक्षा छात्रों को अधिक सीखने के लिए प्रेरित करती है और जिज्ञासा पैदा करती है। वे मज़ेदार तरीके से सीखते हैं।
उपरोक्त सभी तथ्यों के मध्य नजर 10 पब्लिक स्कूल दीपिका के विद्यार्थियों को बिलासपुर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम प्लैनेटेरियम शैक्षणिक प्रमाण हेतु ले जाया गया। इस एजुकेशनल ट्रिप पर कक्षा छठवीं से नवमी के विद्यार्थी साथ से। साथ में विद्यालय के शिक्षक हिंदी विभागाध्यक्ष श्री हेमलाल श्रीवास, श्री देबासीस परीदा,सुश्री तान्या ज्योत्सना, पहेली साहू,स्मृति रेखा साहू थे। पूरे शैक्षणिक भ्रमण के दौरान सभी विद्यार्थियों ने बहुत एंजॉय किया। विद्यार्थियों को एपीजे अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम का विजित करवाया गया। जहां विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के तारों एवं ग्रहों की गहराई से जानकारी प्राप्त की। प्लैनेटेरियम में विद्यार्थी करीब से सभी ग्रहों और तारों को देखकर व महसूस कर बहुत ही रोमांचित होते हैं। प्लैनेटेरियम में जहां एक ओर विद्यार्थियों को ग्रह एवं तारों से जुड़ी जानकारी मिली वही पूरी यात्रा के दौरान साथ रहे शिक्षक श्री देवाशीष परीदा एवं सुश्री तान्या ज्योत्सना ने और भी विस्तृत जानकारी देकर विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धक किया।
प्लेनेटोरियम में विद्यार्थियों के लिए लंच की व्यवस्था की गई थी। पूरी यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने भरपूर मस्ती की।

विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि शैक्षणिक परिभ्रमण से छात्रों के अंदर बौद्धिक, मानसिक और शारीरिक क्षमता का विकास होता है। वर्तमान समय में बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ- साथ प्रायोगिक ज्ञान की भी आवश्यकता है। एक सुव्यवस्थित शिक्षण यात्रा शिक्षार्थियों को स्वतंत्र रूप से नेविगेट करने और ज्ञान को अवशोषित करने में सक्षम बनाती है, जिससे सीखना अधिक व्यक्तिगत और आकर्षक अनुभव बन जाता है।इसका उद्देश्य छात्रों को कक्षा के दायरे से परे प्रत्यक्ष अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है।शैक्षिक यात्रा , भ्रमण, साइट विज़िट और व्यावहारिक शिक्षण अवसरों का एक सावधानीपूर्वक नियोजित संयोजन है, जो स्पष्ट शिक्षण उद्देश्यों के इर्द-गिर्द निर्मित है। एक शैक्षिक यात्रा एक छुट्टी से कहीं अधिक है। यह सीखने और सफलता के लिए एक साधन है जिसमें मज़ा और उत्साह अंतर्निहित है।

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